पहले कन्हैयालाल का ख़ून हुआ..... फिर उनके भाई कुन्दनलाल का.... ख़ून किसने किया क्यों किया..... कुछ पता न चला-
कई साल बाद कुन्दनलाल की औलाद बार आई - बड़े सरकार का पूर्व इसरार ऑक्सीडन्ट हुआ - वो ख़तम हो गए-फिर उनके छोटे भाई रामलाल की लाश कमरे में लटकी हुई पाई नई - तीसरा भाई शामलाल मारे ख़ौफ के अपनी भतीजी रेखा, बड़े सरकार की एकलौती लड़की को लेकर शहर वाले फ्लॅट में मुन्तक़िल हो गया - लेकिन - क़ातील ने पीछा ना छोड़ा-
रेखा ने एक नौजवान मोहन के मज़बूत बाजूओं को थाम लिया और समझी के वो अब हर बला से महफ़ूज है-लेकिन......... मोहन भी इस ख़ूनी सिसिले की एक कड़ी बनकर रह गया-यह कौन है - जिसे ख़ून का चस्का लग गया है? क़ातील ने इसी एक खानदान का नाम-व-निशान मिटाने की क़सम क्यों खाई है?
कौन इस गुत्थी को सुलझायगा?
मोहन-या पोलीस?
कैसे- ? यह हम आपको नहीं बतायेंगे - और माही आप "भूत बंगला" देखने के बाद बाहर आकर किसी को बतायेंगे।
(From the official press booklet)